चांपा पालिका को देना होगा 9 करोड़ 90 लाख का पेनल्टी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत करना बना सोने में सुहागा, चांपा पालिका को देना होगा 9 करोड़ 90 लाख का पेनल्टी
आया ऊंट पहाड़ के नीचे मामला हसदेव नदी में दूषित पानी छोड़ने का
मुख्य संपादक- लखन देवांगन/संवाददाता हरी- देवांगन
जिला उप मुख्यालय चांपा: इसी चैनल में माह भर पहले, नगर सरकार का कारनामा हसदेव नदी के छाती को कुरेद कर बिछाया सिवरेज पाइपलाइन, फिर भी गंदगी नदी के हवाले के तहत प्रमुखता के साथ समाचार का प्रकाशन किया गया था https://rednewslive.com/archives/4661 इसके बाद भी स्थानीय निकाय चांपा के द्वारा किसी भी तरह का कार्यवाही करने के बजाय हल्के में लेते हुए समस्या को यथावत रहने दिया जा रहा है,और पाइपलाइन निर्माण के बाद भी मुख्य पाइपलाइन में जगह-जगह ब्लैकेट के चलते शहर भर से निकली हुई गंदा पानी पाइप लाइन में जाने के बजाय नदी के मूल धारा में समाते सरेआम देखा जा सकता है,
यहां बताते चलें कि नगरपालिका के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन से करोड़ों रुपए का बजट बनाकर नगर विकास सहित हसदेव नदी को गंदगी से बचाने के लिए नदी के तट पर सिवरेज पाइपलाइन(बन्द नाला) निर्माण कर गंदा पानी को इकट्ठा करने के मनसुबे से हसदेव नदी के प्राकृतिक पर्यावरण सहित सौंदर्य पर अतिक्रमण करते हुए समूचे मामले को ताक में रखकर इस पाइप लाइन का निर्माण तो कर दिया गया लेकिन इसके उपरांत भी इस निर्माण का जो मूल उद्देश्य था वह अभी तक प्राप्त नहीं किया जा सका है,और जहां कहीं भी देखो इस पाइप लाइन के करणो से जबरदस्त गंदगी नदी के तट एवं पाइपलाइन के आसपास पहले के अपेक्षा समस्या को कई गुना बढ़ा हुआ देखा जा रहा है, इसी गंभीर मुद्दे को लेकर संवाददाता के द्वारा स्थानीय निकाय के गंभीर लापरवाही एवं समाचार प्रकाशन को आधार बनाकर (एनजीटी) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को दीपावली त्यौहार के पहले तथा बाद में रिमाइंड करते हुए ईमेल 11नवंबर को शिकायत सहित कुछ जरूरी फोटो तथा वीडियो प्रेषित किया गया था, इसके बाद एनजीटी को पुनः ईमेल के माध्यम से भेजे जाने के बाद अब मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चांपा नगर पालिका को हसदेव नदी सहित प्राकृतिक पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने तथा हसदेव नदी में गंदगी प्रवाहित करने को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 करोड़ 90 लख रुपए का पेनल्टी लेटर जारी किया गया है,उल्लेखनीय है कि इस तरह की कार्यवाही पर्यावरण (एनजीटी) विभाग के द्वारा पहले ही की जा चुकी है जो कि पिछले कुछ सालों से कई अन्य कारणों के चलते (पेंडिंग) विलंबित पड़ा हुआ था लेकिन अब इस प्रतिनिधि के शिकायती ईमेल के बाद विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए चांपा नगर पालिका को पुनः लेटर जारी कर समुचित रकम को अविलंब जमा करने सहित नदी में फैल रही गंदगी को तत्काल नियंत्रित करने लिए जो आदेश जारी किया है उसके बाद साफ समझ जा सकता है कि पालिका के द्वारा शासन से करोड़ों रुपए प्राप्त कर जिस तरह से हसदेव नदी पर अतिक्रमण करते हुए पाइपलाइन के नाम करोड़ रूपयों की बर्बादी हुई है वह नगर वासियों के लिए हितकारी साबित नहीं हु आ है,जहां एक ओर हसदेव नदी के प्राकृतिक पर्यावरण तथा सौंदर्य पर आघात करने का प्रयास हुआ है,
तो वहीं दूसरी तरफ सीवरेज पाइप लाइन का जो मूल भावना है वह अब तक साकार नहीं हो सका है, इससे अंदाज़ होता है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोगों के द्वारा आम जनता के हितों का रक्षा करने के साथ ही पर्यावरण के साथ जिस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है वह अक्षम है,जिसे संज्ञान में लेकर (एनजीटी) पर्यावरण विभाग जिसे ग्रीन ट्रिब्यूनल के नाम से जाना जाता है के द्वारा कार्यवाही के लिए जो आदेश जारी किया गया है वह बहुत कुछ साबित करने के लिए काफी माना जा रहा है,अब देखना होगा इसके बाद भी स्थानीय निकाय चांपा के अधिकारी तथा पदाधिकारी द्वारा क्या और कितनी कार्रवाई की जाती है,एक बात तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि यदि इतनी भारी भरकम रकम स्थानी निकाय के द्वारा पेनल्टी के रूप में जमा किया जाता है तो यह कहीं ना कहीं आम जनता के द्वारा जमा की गई टैक्स के रकम का दुरुपयोग का इससे बड़ा उदाहरण देखने सुनने में नहीं मिलेगा।