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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना निकला दम, जनता भारी मशक्कत से आवेदन जमा कर जोह रहे बांट

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हितग्राहियों को है इंतजार में इंतजार, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना निकला दम, जनता भारी मशक्कत से आवेदन जमा कर जोह रहे बांट
संवाददाता हरी देवांगन
जिला उप मुख्यालय चांपा- अब से साल भर पूर्व बहुआयामी योजना का पर्याय बनाकर प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के रूप में अर्ध कुशल,मजदूर, तथा श्रमिक वर्ग को कुशलता का अमली जामा पहनाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना को कारगर योजना के रूप में देखा जा रहा था,और इसी के चलते अकेले जांजगीर चांपा जिले क्षेत्र से महिला एवं पुरुषों हितग्राहियों के द्वारा लगभग 60 हजार आवेदन नगर पालिका, नगर पंचायत, सहित विभिन्न चिन्हित सरकारी कार्यालयों में ताबड़तोड़ जमा करने के लिए आम जनता के बीच जमकर आपाधापी देखा जा रहा था, क्योंकि कुछ ही दिनों बाद प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही चुनाव आचार संहिता लग जाने के बाद योजना का आवेदन जमा करना संभव नहीं होने वाला था, इसलिए उम्मीदवारों ने भारी जद्दोजेहद के बाद आवेदन जमा किया गया था, और आचार संहिता के पहले तथा विधानसभा चुनाव के बाद आचार संहिता हटने के उपरांत उम्मीदवारों को संबंधित सरकारी कार्यालय से सूचना व बुलावा आने का महिलाओं में पुरुषों द्वारा इंतजार और इंतजार अब तक किया जा रहा है,पर अधिकांश हितग्राहियों को अब तक प्रशिक्षण के लिए किसी भी कार्यालयों अथवा प्रशिक्षण केंद्र से कोई बुलावा या सूचना नहीं आने से लोगों में जमकर मायूसी देखी जा रही है,उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत हमारे आसपास विभिन्न तरह के काम करने वाले अकुशल,अर्ध कुशल तथा श्रमिक वर्ग को उचित प्रशिक्षण देकर लाभान्वित करने का बहू आयामी योजना को साकार करने का दावा किया जा रहा था, लेकिन अब यह दावा नाम बड़े और दर्शन छोटे के रूप में अपना कहावत को चरितार्थ कर रहा है, ज्ञात हो कि महिला सहित पुरुष योग्य हितग्राहियों के द्वारा ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र में जमकर आवेदन जमा करने का दौर चला था, जिसमें सर्वप्रथम विश्वकर्म योजना का फॉर्म लेकर भरने के उपरांत नगरी क्षेत्र में पार्षद एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंच सरपंचों से आवेदन कर कर चॉइस सेंटरों में पुनः प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद इन्हीं चिन्हित केदो में कई तरह से परेशानियों को झेलते हुए आवेदन जमा किया गया था,विशेष कर उन महिला हितग्राहियों के द्वारा जो घर बैठे थैला सिलाई पिंकू फाल सहित महिला संबंधी सिलाई कढ़ाई बुनाई का कार्य करते हैं के द्वारा उचित प्रशिक्षण पाकर बेहतर ढंग से हुनरमंद होने के लिए आवेदन जमा किया गया था, लेकिन मजाल है किसी को अब तक प्रशिक्षण के लिए बुलावा आया हो,लोग आवेदन जमा करने के बाद अब प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत प्रशिक्षित हो कर इस योजना के तहत लाभान्वित होने का बात को भी भूलने लगे हैं, इन्हीं के चलते अधिकांश लोग इस योजना के तहत आवेदन जमा किया गया था इसे लेकर अब वे मन से विश्वकर्म योजना को विसार चुके हैं।
योजना से हितग्राही होने वाले थे लाभान्वित यहां बताते चलें कि प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों से वस्त्रकर, बुनकर लोहार,हथोड़ा टूलकिट निर्माता,ताला चाबी साज,सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार मोची,धोबी,राजमिस्त्री,दर्जी,नाई, सहित इसी प्रकार के कई और अन्य श्रमजीवी वर्ग को शामिल करते हुए दक्ष कामगार बनाने का दिव्य स्वप्न इस योजना के तहत दिखाया गया था जिसे लेकर आम जनता के द्वारा विश्वकर्म योजना को हाथों-हाथ लेते हुए आवेदन जमा करने का दौर चला लेकिन अब तक शायद गिनती के लोगों को ही इस योजना के तहत प्रशिक्षित कर लाभ दिलाया गया होगा,इस संदर्भ में प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत केवल जांजगीर चांपा जिले में ही हजारों की तादाद में आवेदन जमा किया गया है और इसी प्रकार यदि प्रदेश के समस्त जिलों को जोड़कर एक आंकड़ा प्रस्तुत किया जाए तो कुल आवेदन लाखों की तादाद में जमा किया गया पर प्रशिक्षण के नाम पर गिनती के लोगों को ही योजना में शामिल कर प्रशिक्षण सहित उसके अन्य लाभ को दिया गया होगा इस तरह से यह बात स्वत: ही स्पष्ट हो जाता है की योजना को लेकर नाम बड़े और दर्शन छोटे कहावत चरितार्थ किया जा रहा है, या चुनावी ढिंढोरा बाजी का हिस्सा बन कर रह गया !

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