कानपुर आईआईटी में जिला सहित अपने मां-बाप का नाम रोशन करेगा दीपेंद्र
संघर्षों से जूझ रहे माता-पिता का परिश्रम लाया रंग
जिला उप मुख्यालय चांपा, बेहद साधारण परिवार पेशे से रेडियो मैकेनिक एवं Red News Live चैनल के चांपा संवाददाता हरि देवांगन का मंझला पुत्र दीपेंद्र कुमार देवांगन ने अपनी जी तोड अथक मेहनत एवं बिना किसी विशेष मार्गदर्शन के गेट एग्जाम का घर में रहकर तैयारी करते हुए इस वर्ष के गेट एग्जाम में शानदार उपलब्धि हासिल करते हुए, आल इंडिया रैंक 287 हासिल किया है, जिसके चलते कानपुर आईआईटी से आफर लेटर आने पर मेहनत सील अपने माता पिता का नाम रोशन कर एक बार फिर हिंदी भाषी परिवार के बच्चे ने इतिहास रच परिवार सहित प्रदेश का नाम को गौरवान्वित कर नया इतिहास गढ़ दिया है।
गौरतलब है कि ख्याति नाम आईआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश पाने के लिए लाखों विद्यार्थी क्या कुछ नहीं करते, कड़े कंपटीशन सहित स्पर्धा के दौर से गुजरना पड़ता है,आईआईटी जैसे संस्थान में पहुंचने के लिए अन्य कई विकल्पो के साथ गेट एग्जाम को क्लियर करने के बाद बड़ी मुश्किल से देश में संचालित लगभग 23 उच्च शिक्षा संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में बेहतरीन स्कोर के बाद प्रवेश संभव हो पाता है,इसके लिए गंभीर रूप से तैयारी करने के लिए उच्च स्तर पर बड़े शहरों में जाकर सक्षम परिवार के बच्चे बेहतरीन कोचिंग क्लास में शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी गेट एग्जाम में शानदार प्रदर्शन करने में असफल हो जाते हैं,तो वही गरीब परिवार के हिंदी भाषी बच्चे के द्वारा घर पर रहकर जी तोड़ मेहनत करते हुए गेट एग्जाम का तैयारी में अपने संघर्षरत माता पिता का सहयोग करते हुए रेडियो दुकान में अपना बेशकीमती समय खपाने के बाद भी गेट एग्जाम में जिस तरह का प्रदर्शन करते हुए रैंक हासिल किया वह अपने आप में इतिहास रचने वाला कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी,स्पष्ट कर दें कि दीपेंद्र ने गेट एग्जाम क्लियर करने के लिए किसी भी तरह का ऑफलाइन (क्लास बैठकर) कोचिंग क्लास सहित अतिरिक्त मार्गदर्शन लिए बिना ऑल इंडिया रैंक 287 ला कर यह साबित कर दिया सफलता किसी गरीबी अमीरी कि खूंटी से बंधा हुआ नहीं होता,मेहनत कर कोई भी परिवार का बच्चा देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश पाने का दमखम रखता है,और ऐसा ही साबित कर दिखाया है दीपेंद्र ने।
यहां बताते चलें कि प्रारंभ से चांपा में संचालित हिंदी मीडियम सरस्वती शिशु मंदिर में अरुण क्लास से लेकर 10वीं 12वीं में गणित जैसे उबाऊ विषय में विशेष योग्यता के साथ पास करने के उपरांत उच्च शिक्षा के लिए पीईटी एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गुजरात के बड़ौदा शहर में संचालित प्राइवेट ( पारुल )इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक में एरोनॉटिकल ब्रांच में एडमिशन के लिए ऑफर आने के बाद लगातार 4 वर्ष आर्थिक संघर्ष का सामना करते हुए पूरे 8 सेमेस्टरो में 71 प्रतिशत अंकों के साथ शानदार प्रदर्शन के उपरांत पारूल यूनिवर्सिटी से बैचलर आफ टेक्नोलॉजी कि पढ़ाई पूरा करने के उपरांत आर्थिक तंगी के चलते ऑनलाइन कोचिंग क्लास कुछ दिनों के बाद छोड़ना पड़ा पर हालात के समक्ष घुटना ना टेकते हुए घर पर रहकर गेट एग्जाम का पूरे लगन के साथ तैयारी करते हुए बीते वर्ष प्रथम प्रयास में ही हैदराबाद आईआईटी में पेमेंट सीट पर चयन हो गया था,पर आर्थिक समस्या के चलते यह सीट हाथ से चला गया,इसके बाद मन में जबरदस्त जोशो जुनून के साथ अच्छा रैंक लाकर देश के टॉप टेन आईआईटी में प्रवेश पाने का संकल्प लेकर दिन के 10 से 12 घंटे पूरे साल भर मेहनत करने के उपरांत गेट एग्जाम पास कर पाया,तब यह अवसर आया जब एक नहीं देश के 12 उच्च शिक्षा संस्थान (आईआईटी) के विभिन्न राज्यों ( प्रांतों) से आफर लेटर आता रहा लेकिन 4 वर्षीय बैचलर आफ टेक्नोलॉजी (BTech) का कोर्स एयरोनॉटिकल( हवाई जहाज इंजीनियरिंग) होने के कारणों से आगे का उच्च शिक्षा भी उसे ऐसे ही किसी ब्रांच से करना था जिसके चलते उन सभी आफरो को वेटिंग (waiting) में रखते हुए पूरे डेढ़ माह का लंबे जद्दोजहद के बाद सातवें राउंड की (counselling) काउंसलिंग में पुनः एक साथ 6 आईआईटी संस्थानों से बुलावा आने के बाद अपनी मनपसंद ब्रांच को अपने परिजनों से सलाह मशवरा के उपरांत पूरे देश में एरोनॉटिकल ब्रांच के लिए अग्रणी उत्तर प्रदेश के कानपुर में संचालित उच्च शिक्षा संस्थान कानपुर आईआईटी ( Indian institute of technology Kanpur )में दो वर्षीय कोर्स एम टेक (master of technology) के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ( aerospace engineering /aero thermodynamic and thermal science) में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है, यहां उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा संस्थान आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए पूरे परिवार ने एड़ी चोटी का संयुक्त प्रयास करते हुए यह सफलता हासिल किया है, जो कि अपने आप में किसी संघर्ष गाथा से कम नहीं है
दीपेंद्र के इस उपलब्धि Red News Live चैनल परिवार शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए दीर्घायु होने का कामना करता है ।