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आधार कार्ड सत्यापन का समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी चॉइस सेंटरों में उमड़ रही भीड़

आधार कार्ड सत्यापन का समय सीमा बढ़ाए जाने के बाद भी चॉइस सेंटरों में उमड़ रही भीड़
जानकारी के अभाव में लोग हो रहे मारामारी का शिकार

संवाददाता हरी देवांगन


जिला उप मुख्यालय चांपा,गौरतलब है कि उच्च आदेशानुसार आधार कार्ड बने हुऐ 10 वर्ष से अधिक होने के उपरांत होने पर सत्यापित कराना अति अनिवार्य कर दिए जाने के बाद आधार कार्ड सुधार केंद्र सहित चॉइस सेंटरों मे भीड़ हैरान परेशान कर दिया है, हर रोज दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों सहित वृद्ध असहाय परिजनों को लेकर प्रातः 5:00 से लाइन में खड़े होकर जिस तरह से खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी का सामना करते हुए जो माहौल देखने को मिल रहा है वह आश्चर्य कर देने वाला है, पर यहां पर सुखद बात यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा आधार कार्ड सत्यापन को लेकर जो पहले समय निर्धारित किया गया था उस में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 30 सितंबर 22 तक का समय सीमा बढा दिए जाने के उपरांत भी चॉइस सेंटरों में उमड़ रही भीड़ का मुख्य कारण आम जनता में जागरूकता सहित जानकारी की कमी को मुख्य वजह बताया जा रहा है,यदि लोगों के मध्य इस बात की जानकारी को प्रचार-प्रसार के तहत पहुंचा दिया जाए कि अब बड़े इत्मीनान से आगामी 30 सितंबर तक अपना आधार कार्ड सत्यापन (अपडेट) को संपन्न करा सकते हैं तो इस तरह का मारामारी और भीड़भाड़ का माहौल देखने को नहीं मिलेगा, बात सोचने समझने वाली है कि लोग प्रातः काल से ही अपने परिवार को समेटकर आधार केंद्रों के बाहर भीषण गर्मी का सामना करते हुए भीषण गर्मी से चीखते चिल्लाते छोटे मासूम बच्चों सहित बुजुर्ग माता-पिता को तपस्या करते हुए देखा जा सकता है, प्रत्येक दिवस आधार सुधार केंद्र में बच्चे एवं बुजुर्गों के साथ जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है उसे देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि,जब गली मोहल्लों में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन हो सकता है,लोक अदालत का आयोजन हो सकता है, इस शिविर का आयोजन होता है,रोजगार शिविर का आयोजन हो सकता है,आयुष्मान कार्ड का निर्माण को लेकर महा शिविर का आयोजन होता है, तो क्यों नहीं आधार अपडेट (सत्यापन) शिविर का आयोजन गली मोहल्लों एवं वार्डों में क्यों नहीं किया जा रहा है, आज गंभीर समस्या हम सबके सामने देखने को मिल रहा है,इसके पीछे का मनसा क्या है यह तो जिम्मेदार ही जानते होंगे, हम तो केवल जनहित में केवल कयास ही लगा सकते हैं,रही बात आधार अपडेट कराने कि तो क्रमवार वार्डों अथवा प्रमुख चौक चौराहों में शिविर लगाकर भी शुल्क वसूला जा सकता है, उच्च स्तर पर जिस तरह का आदेश देकर आधार (अपडेट) सुधार के लिए आम जनता को विवश होना पड़ रहा है वह अमानवीय कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी!

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