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छत्तीसगढ़ के दान दक्षिणा का महा त्योहार छेरछेरा आज हो रहा संपन्न, भारी ठंड के बावजूद बच्चों में दिख रहा अति उत्साह

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छत्तीसगढ़ के दान दक्षिणा का महा त्योहार छेरछेरा आज हो रहा संपन्न, भारी ठंड के बावजूद बच्चों में दिख रहा अति उत्साह

मुख्य संपादक लखन देवांगन/संवाददाता हरी देवांगन

जिला उपमुख्यालय चांपा- प्रदेश के आदर्श परंपराओं के अनुरूप छेरछेरा का त्यौहार आज संपूर्ण हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है, ज्ञात होगी यह वही त्यौहार है जिस देश के अनेक राज्यों में अलग-अलग नाम के साथ मनाया जाता है, तो यहां छत्तीसगढ़ में धान का फसल तैयार होने के बाद जब यह घर अथवा कोठार मैं जब पहुंच जाता है तो उसी खुशी का इजहार करने के उद्देश्य से इस छेरछेरा त्यौहार को मनाए जाने का सदियों पुराना इतिहास छत्तीसगढ़ के पारंपरिक महत्व को दर्शाता है,जिसमें विशेष कर शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इस त्यौहार का जबरदस्त माहौल देखने को मिलता है, इस त्यौहार का विशेष हिस्सा यदि बच्चों के नाम को निरूपित किया जाए तोकोई अतिशयोक्ति वाली बात नहीं होगी, इस त्यौहार का विशेष पहचान बच्चों के द्वारा घर-घर जाकर छेरछेरा कोठी के धान ला हेरते हेरा जैसे लोक वाक्य को कहते हुए बच्चों के द्वारा जो खुशी का इजहार देखने को मिलता है वही इस त्यौहार का प्रतिफल के रूप में समझा जा सकता है, इस त्यौहार के दौरान छोटे-बड़े मासूम बच्चे घरों घर पहुंच कर छेरछेरा के त्यौहार में किसी न किसी तरह के खाद्य सामग्री,धान अथवा वस्तु का दान देने के लिए जनमानस को प्रेरित करते हैं,वैसे भी यह त्यौहार स्नान ध्यान दान दक्षिणा के नाम पर छत्तीसगढ़ का विशेष पहचान के रूप में माना जाता है, इस त्यौहार में तिल के लड्डू का विशेष महत्व को देखते हुए बच्चों को लड्डू को दान में देने के लिए घरों में विशेष रूप से पहले से तैयारी की जाती हैं, पवित्र स्थलों के निकट नदी तालाब में लोग स्नान कर गरीब एवं असहाय को विशेष दान दक्षिणा देने पर ज्यादा विश्वास रखते हैं, इसलिए इस त्यौहार को ध्यान दान दक्षिणा के नाम पर भी जाना जाता है,जो कि छत्तीसगढ़ के लिए विशेष पहचान समाहित होता है,

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