चांपा पालिका में शासन सहित सूचना आयोग के सूचना को डिजिटलाइज्ड करने के निर्देशों की उड़ रही धज्जियां, 143 पेज के लिए 286 रुपए जमा करने की निर्देश
मुख्य संपादक लखन देवांगन/संवाददाता हरी देवांगन
जिला उपमुख्यालय चांपा- क्या डिजिटल भारत को पेपर लेस (paperless) करने की बात थोथी साबित होती रहेगी,या फिर यहां सक्षम लोगों द्वारा कही जाने वाली एक स्लोगन बन कर रह जाएगा,इन सब बातों पर आज भी संदेह बरकरार है,क्योंकि जहां एक ओर शासन सहित सूचना आयोग के द्वारा मांगी एवं दी जाने योग्य सारी जानकारी को डिजिटल (digitalisation) सहित पेपर लेस करने की बात कही जा रही है,तो वहीं दूसरी ओर चांपा पालिका में शासन सहित सूचना आयोग के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए सूचना के अधिकार अधिनियम पर प्रस्तुत एक प्रति आवेदन पर जन सूचना अधिकारी के द्वारा चाही गई जानकारी के बदले 143 पन्नो( प्रतियो में )के लिए 286 रुपए यथाशीघ्र निकाय में जमा कर जानकारी प्राप्त कर लेने की बात कही गई है,जो की छत्तीसगढ़ शासन सहित सूचना आयोग के द्वारा कार्यालय को पेपर लेस एवं सूचना के अधिकार को डिजिटल करने की बातों की ठीक विपरीत पालन करने की बात सामने आ रही है,पालिका कार्यालय में सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ जो वाक्या पेश आ रहा है वह सूचना के अधिकार अधिनियम को लेकर कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने से काम नहीं आंका जा सकता।
यदि चाही गई जानकारी को डिजिटल माध्यम से दिया जाता तो ना इतने पन्नों का सूचना तैयार होता और नहीं इतना अधिक शुल्क देना होता, पर यहां तो सारा मामला ही मकड़ी के जाले की तरह उलझा हुआ है,चलिए इस संदर्भ में पूरी कहानी इस तरह से बयां करते हैं सप्त वर्ण संदेश न्यूज़ चैनल सहित red news live के चांपा संवाददाता एवं जागरूक RTI कार्यकर्ता के द्वारा चांपा पालिका कार्यालय में अधिनियम के तहत आवेदन प्रस्तुत कर जानकारी चाहिए गई थी, इस संदर्भ में पालिका के जन सूचना अधिकारी के द्वारा143 पृष्ठ (प्रतियो में) की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है,जबकि सारी जानकारी डिजिटल माध्यम से चाही गई थी,इस संदर्भ में आवेदक को पालिका द्वारा सूचित करते हुए निर्देश दिया गया है कि यथाशीघ्र 286, रुपए जमा कर चाही गई जानकारी प्राप्त की जा सकती है,इस पर बताते चले की आवेदक के द्वारा चाही गई जानकारी को पेपर लेस के तहत डिजिटल जानकारी मांगी गई थी,जिसे पालिका के सूचनाधिकारी के द्वारा नजर अंदाज करते हुए भारी लापरवाही का उदाहरण प्रस्तुत कर 143 पृष्ठ की जानकारी उपलब्ध कराते हुए286 रुपए जानकारी शुल्क जमा करने के लिए कहा गया है,जो कि आवेदनानुसार मांगी गई जानकारी के ठीक विपरीत है,इस पर आवेदक ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम के मूल भावना के विरुद्ध कार्यशैली का उदाहरण है,मांगी गई जानकारी के विरुद्ध आचरण कर हतोत्साहित एवं भ्रमित करने के उद्देश्य से आचरण प्रतीत होता है,जिसे लेकर आवेदक ने अग्र शिकायत सहित कार्रवाई की बात कही है।