चाम्पाछत्तीसगढ़

दम मारो दम बनाम नया साल का जश्न

दम मारो दम बनाम नया साल का जश्न पर क्या रहेगी पुलिस प्रशासन की पहनी नजर, होटलों ढाबों में की जा चुकी है खास इंतजाम

(संवाददाता हरी देवांगन की रिपोर्ट)

जिला उप मुख्यालय, नए साल के पूर्व संध्या में कुछ लोग मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों गिरजाघर में जाकर नए साल के लिए एक अच्छा मौका तलाश कर ही लेते हैं, और ईश्वर प्रार्थना के साथ नए वर्ष का स्वागत करते हुए परिजनों के साथ विशेष इंतजाम को अंजाम दिया जाता है, तो वही एक वर्ग ऐसा है जो नए वर्ष की पूर्व संध्या और नए वर्ष में जमकर छलक ए जाम की धुन पर की थिरकने को इतना विवश हो जाते हैं,कि होटलों और इसी तरह के व्यवस्थित स्थान में जाकर मदिरा प्रेमी होने का लेवल लगवाने से अपने आप को रोक नहीं पाते हैं,यहां बताते चलें कि जांजगीर चांपा जिला सहित आसपास के होटलों ढाबों एवं आउटर स्थान पर संचालित हो रहे दो मंजिला से लेकर फाइव स्टार होटलों में इसी बाबत जमकर इंतजाम हर वर्ष किया जाता है,जो कि उनकी मोटी कमाई का जरिया होता है जहां आने वाले आगंतुकों से जमकर सेवा शुल्क वसूला जाता है, और निसंदेह इस वर्ष भी ऐसा ही कुछ इंतजाम किया जा चुका है जहां कुछ कथित लोगों के द्वारा नए वर्ष के पहले जमकर हंगामा को अंजाम दिया जाता है, तो वहीं दूसरी ओर नए साल लगने के बाद कुछ दिनों तक इनका खुमार उतारने का नाम नहीं लेता जो की अभद्रता के साथ ही शांति व्यवस्था भंग होने की बड़ी संभावना होती है,यहां बताते चलें कि ऐसे मनचलों के कारणों से नए साल की खुशियां कई बार मातम में भी बदल जाती है, इनके द्वारा भारी तेज गति से दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन को चलाने का जैसे विश्व रिकार्ड बनाने को बेताब नजर आते हैं, और यही वजह है शराब की नशे में इनके द्वारा जो हरकत की जाती है वह खुद के साथ ही औरों पर भी भारी पड़ने वाला होता है, क्या ऐसी तमाम बातों की संभावना को तलाशते हुए जिला प्रशासन सहित पुलिस विभाग के द्वारा ऐसे मदिरा प्रेमी सहित मनचलो पर कड़ी नजर रखी जाएगी और यदि इस पर लापरवाही की गई तो इसके नतीजे औरों को भी भुगतने पड़ते हैं, वैसे तो होटल ढाबों की अगर बात ना भी की जाए तो गली मोहल्ले सहित मैदाने में डीजे की तेज आवाज में मनचलों के द्वारा हुड़दंग मचाने की बातों को इनकार नहीं किया जा सकता,हमारे आसपास ही कई स्थानों पर हुल्लड़ मचाते हुए मनचले को सरेआम देखा जा सकता है,जिस पर पुलिस प्रशासन का कहीं कोई नियंत्रण नहीं होता,जहां वे स्वयं शराब के नशे में मदहोश होते हैं वहीं आसपास निवास रत लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करनापड़ता है, अक्सर हम या देखते हैं ऐसे तेज आवाज में डीजे बजाने वालों को आमजन शिवाय कोशने के कुछ नहीं कर पाते ऐसे लोगों को पुलिस प्रशासन को सौंप दिया जाना चाहिए लेकिन आम जनता पुलिस के झमेले में क्यों पड़े इसी तर्कों को लेकर वे पीछे हट जाते हैं, ऐसे हालात में जिला प्रशासन सहित पुलिस विभाग को इन बे लगाम लोगों पर लगाम जरूर काश जाना चाहिए, तभी कहीं जाकर नए वर्ष की पूर्व संध्या सहित नए वर्ष का बेहतर ढंग से स्वागत करते हुए जश्न मनाया जा सकता है, पुलिस प्रशासन को सनद रहे यह नए वर्ष का आगाज है कोई होली उत्सव नहीं जहां नए वर्ष के स्वागत में हुड़दंग मचा कर यह कह दिया जाए बुरा ना मानो नया वर्ष है।

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