दिल दहला देने वाला डीजे पर प्रतिबंध का दिखने लगा जिले में असर,गणेश विसर्जन पर शांति का 30 साल पुराना बन रहा तस्वीर, प्रतिबंध से एक तपके को राहत तो दूसरे पक्ष को आक्रोश
मुख्य संपादक लखन देवांगन/संवाददाता हरी देवांगन
जिला उपमुख्यालय चांपा- दिल दहला देने वाला कान फोड़ू हाई क्वालिटी डीजे के साउंड से शायद कोई बंदा ही होगा जो परचित ना हो, हो सकता है चंद लोगों को यह दिल दहला देने वाला आवाज मौज मस्ती मे थिरकने को विवश कर देता हो, लेकिन अधिकांश लोगों के लिए यह आवाज परेशानी का सबक बनता रहा है, जिसे लंबे समय बाद आंशिक रूप नियमों के तहत प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर एक समुदाय को भारी राहत वाली बात कही जा सकती है तो वहीं दूसरी ओर जिन लोगों का रोजी-रोटी अथवा व्यवसाय इस कारोबार से जुड़ा हुआ है, उन्हें भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
माननीय हाई कोर्ट का ठीक समय पर आया शानदार आदेश
यु तो डीजे साउंड का हाई-फाई परेशान कर देने वाला संगीत जिला प्रशासन द्वारा कई बार प्रतिबंध लगाया जाता रहा है,लेकिन यह प्रतिबंध कभी कारगर नहीं रहा, समय में समय लोगों के द्वारा शिकायत करने के उपरांत भी पुलिस प्रशासन के द्वारा यदा कदा ही शायद कोई कारवाई किया गया हो, लेकिन इस बाऊ गणेश उत्सव के ठीक पहले माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा सख्त आदेश के तहत डीजे के दिल दहला देने वाला साउंड पर जिस तरह से प्रतिबंध लगाया गया है उसका निसंदेह स्वागत किया जाना चाहिए,यहां बताते चलें कि इस पर कुछ नियमों के तहत छूट प्रदान करने की बात कही गई है जिसका पालन करना भी डीजे संचालकों के लिए परेशानी का सबक बन रहा है, यही वजह है कि डीजे संचालकों के साथ ही शोरगुल भरा म्यूजिक को लेकर आयोजन समिति वालों के द्वारा भी फिलहाल इस कान किरकिरा डीजे साउंड का आनंद लेने के बजाए छोटे-मोटे आयोजन सहित भजन कीर्तन करते हुए विघ्नेश्वर श्री गणेश का विसर्जन करने के लिएभक्तों ने ठान लिया है, इस वजह से भी डीजे साउंड संचालकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
अनेको बार आदेश जारी कर नियंत्रित आवाज में चलने का समझाइए को नजर अंदाज का दिख रहा दुष्परिणाम डीजे पर प्रतिबंध को लेकर जांजगीर चांपा जिला की बात करें तो आज से कई साल पूर्व जिला जज राजेश श्रीवास्तव जी के द्वारा सख्त आदेश जारी कर नियमों के तहत डीजे संचालन का आदेश जारी किया गया था जिस पर जिला प्रशासन के द्वारा ले देकर कुछ समय तक नियमों का पालन करते देखा गया था पर कालांतर में जिस तरह से नियमों को तोड़ मरोड़ कर डीजे संचालन होता रहा उसे लेकर एक नही कई बार डीजे संचालक,आयोजन कर्ता सहित आम जनता के बीच बहस बाजी सहित अशांति का वज़ह भी बनता रहा, और जैसे तैसे भारी तेज आवाज में डीजे का संचालन होता रहा इस समस्या पर आम जनता तो क्या पुलिस प्रशासन का भी कहीं कोई कंट्रोल नहीं रहा और लोग पुलिस प्रशासन सहित डीजे संचालक एवं आयोजन कर्ताओं को शिवाय कोसने के कुछ नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब जिस तरह से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा डीजे संचालन एवं ध्वनि प्रदूषण पर सख्त पाबंदी जारी किया गया है उसे लेकर आम जनता के बीच खुशी की माहौल महसूस की जा रही है, भले ही इस व्यवसाय में लगे हुए लोगों के बीच मायूसी अथवा आक्रोश बन रहा हो, लेकिन जनता जनार्दन के लिए जो नियम कानून लागू किया गया है उसे पालन करना भी अनिवार्य समझ जाना चाहिए।
ध्वनि प्रदूषण से कौन हो रहे थे प्रभावित छाती को चिर कर रख देने वाला डीजे साउंड के तेज आवाज से युवकों को जिस तरह से आनंद की प्राप्ति हो रही थी ठीक उसी आनंद के विपरीत बुजुर्ग,बीमार असक्त,गर्भवती माता, हृदय रोगी, माइग्रेन से प्रभावित, छोटे मासूम बच्चों के अतिरिक्त महत्वपूर्ण सरकारी कार्योंलयो के आसपास डीजे साउंड ने धमाल मचा रखा था,अब इस पर प्रतिबंध लगाए जाने से जनता के बीच सकारात्मक संदेश पहुंच रहा है।
नियमों के मकड़ जाल के बीच करना होगा डीजे साउंड का संचालन माननीय न्यायालय के द्वारा छाती चिर ध्वनि प्रदूषण का पर्याय समझे जाने वाला डीजे साउंड का प्रदर्शन के पहले संबंधित क्षेत्र के सक्षम अधिकारी ( अनुविभागीय राजस्व अधिकारी) से लिखित में आदेश लेना होगा यही नहीं बल्कि नियमों के तहत निर्धारित आवाज में डीजे का संचालन सुनिश्चित करना होगा साथ ही निर्धारित समय तक डीजे बजाने के बाद साउंड सिस्टम को बंद करना अनिवार्य सहित कई नियमों के पालन के आधार पर संचालन करने के लिए संबंधित लोगों को अधिकृत होना पड़ेगा और यदि बिना पर्याप्त अनुमति के डीजे साउंड का प्रदर्शन किया गया तो ऐसे संबंधित दोनों पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का आदेश जारी होने के बाद जांजगीर चांपा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गणेश विसर्जन पर इस वर्ष काफी शांति का माहौल देखा जा रहा है।