जिला मुख्यालय जांजगीर में जल्द खुलने जा रहा अष्टधातु से निर्मित फुट मसाज थेरेपी सेंटर
तमाम व्याधियों से रोगियों को मिल रहा राहत
मुख्य संपादक लखन देवांगन/संवाददाता हरी देवांगन
जिला उप मुख्यालय चांपा- भागम भाग जीवन शैली, अति व्यस्त बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल एवं उदर पूर्ति के लिए जो मिला खा लिया की सोच ने आज शरीर में बीमारियों का सैलाब जैसा ला दिया है, और इसके उपरांत बीमारियों से उबरने के लिए अनेकानेक डॉक्टरों के पास जाकर तरह-तरह से रंग बिरंगी गोली तथा दवाइयां का सेवन ने स्थिति को पहले से और अधिक भयानक बना दिया है, पर इस बीच राहत वाली बात यह है कि शरीर में उत्पन्न होने वाले तमाम बीमारियों सहित इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति द्वारा अष्टधातु से निर्मित फुट मसाज के माध्यम से कई तरह का लाभ रोगियों को मिल रहा है जिसमें फुट मसाज के जरिए पैर के तलवों में प्राकृतिक जड़ी बूटियां से बने हुए तेल को लगाकर अष्टधातु से निर्मित तवे रूपी घूमने वाली प्लेट में चंद मिनटों के लिए रखकर घुमावदार पर के तलवों को मसाज किया जाता है, जिसके चलते कुछ ही दिनों में तमाम किस्म के बीमारी एवं उसके लक्षणों से राहत मिलने की बड़ी उम्मीद मरीजों को मिल रही है,इसी को ध्यान में रखकर चांपा नगर के वार्ड नंबर 1 हनुमान धारा रोड कचरा गोदाम के पास नगर के वरिष्ठ पत्रकार राजू साहू के द्वारा इसी प्रकार के अष्टधातु से निर्मित मशीन द्वारा तलवो का मसाज के माध्यम से जन सेवा का कार्य किया जा रहा है, राजू साहू के निवास स्थल पर अष्टधातु से निर्मित मशीन में तलवों के मसाज के लिए सुबह से सायं काल चांपा ही नहीं दूर ग्रामीण क्षेत्रों से भी मरीज पहुंचकर बहुत ही साधारण शुल्क में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं,और अब जनहित को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालय जांजगीर में भी इसी तरह का स्वास्थ्य सेवा फुट मसाज इकाई उपलब्ध कराने का राजू साहू के द्वारा प्रण लेकर अष्टधातु से निर्मित मसाज थेरेपी सेंटर का शुभारंभ किया जाने वाला है, विशेष चर्चा में संवाददाता हरि देवांगन को इसी संदर्भ में जानकारी देते हुए राजू साहू ने बताया कि यह मशीन विशुद्ध प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित है और इसमें शरीर को किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट होने की दूर तक भी कोई संभावना नहीं है, इसमें किसी भी प्रकार का दवा इंजेक्शन अथवा कैप्सूल अथवा पेन किलर से इलाज नहीं किया जाता बल्कि केवल प्राकृतिक तेलों के माध्यम से पर के तलवों को अष्टधातु से निर्मित घुमावदार तवे से मसाज देकर शारीरिक कष्ट एवं बीमारियों तथा लक्षणों से बहुत राहत मिलने लगता है, और इस मसाज के पहले अथवा बाद में किसी भी प्रकार का डॉक्टरी परामर्श की जरूरत भी नहीं होती है यह मसाज पद्धति पुराने बीमारियों पर राहत दिलाने के लिए प्रभावकारी बताया जाता है।